ऐतिहासिक कमरऊ पंचायत में शनिवार को एक ही घर से चार बारातें निकलेंगी। ध्यान रहे कि नब्बे के दशक में इस गांव को एशिया के सबसे अमीर गांवों की सूची में शामिल किया गया था। आधुनिक युग में पहाड़ी प्रदेश में भी संयुक्त परिवार बिखरते जा रहे है। लेकिन, गिरिपार क्षेत्र के कई गांव आज भी सदियों पुरानी संयुक्त परिवार की परंपरा कायम है। ऐसा ही एक उदाहरण कमरऊ पंचायत मेें शनिवार को देखने को मिलेगा। सात दिसंबर को एक ही परिवार से एक साथ चार चचेरे भाइयों की बरात निकलेगी। बता दें कि गिरिपार क्षेत्र का कमरऊ गांव खनन क्षेत्र के लिए देशभर में काफी चर्चित रहा है। नब्बे के दशक में इस गांव को एशिया के सबसे अमीर गांवों की सूची में शामिल किया गया था। अब कमरऊ गांव एक और अनूठी पहल के लिए चर्चा में आ गया है। पंचायत प्रधान मोहन ठाकुर, भरत ठाकुर, दिनेश शर्मा व कंवर सिंह ने बताया कि 7 दिसंबर को एक नया इतिहास लिखा जा रहा है।
कमरऊ के मुनाणा गांव से एक ही घर से चार बरातें निकलेंगी। गांव के एक संयुक्त परिवार में चार भाई मदन तोमर, रामलाल तोमर, सूरत सिंह व पूरण तोमर हैं। इस संयुक्त परिवार ने इस वर्ष चारों बेटों का विवाह करवाने का फैसला लिया। इस दौरान सबसे बड़े भाई मदन सिंह के पुत्र अजय का विवाह गांव मकड़ाना निवासी उमा से होने जा रहा है।
रामलाल तोमर उर्फ गटू के दो पुत्रों राहुल का विवाह नघेता निवासी बबली (अंजू) से तथा रोहित का विवाह दंदोग निवासी बबीता (बोबी) से तथा सूरत सिंह के पुत्र विजय उर्फ सचिन का विवाह गोरखूवाला निवासी दीपा के साथ हो रहा है।
प्रदेशभर में संभवत: ऐसा पहला मामला
केंद्रीय हाटी समिति अध्यक्ष डॉ. अमीचंद कमल, महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री, पूर्व सिरमौर ट्रक यूनियन अध्यक्ष चतर सिंह ठाकुर, खजान सिंह, अतर सिंह नेगी, डॉ. मोही राम चौहान, रामकिशन, इंद्र सिंह व दीपचंद तोमर ने बताया कि पूरे प्रदेश व जिले में शायद ऐसा पहली बार होने जा रहा है।
केंद्रीय हाटी समिति महासचिव कुंदन सिंह शास्त्री, उदय शर्मा, शेर सिंह ठाकुर व इंदर सिंह ठाकुर ने कहा कि संयुक्त परिवार का यह अनूठा उदाहरण है। गिरिपार में 50 से अधिक सदस्यों वाले संयुक्त परिवार हैं, जिनका एक ही चूल्हा है।