- मंत्रिमंडल की बैठक में हुआ फैसला, 311 वनरक्षकों समेत 350 पद भरेगी सरकार
- शिक्षक-गैर शिक्षकों के लिए भी लागू होंगे आदेश, परीक्षाएं जारी रहेंगी
- सिर्फ ड्यूटी लगने वाले शिक्षकों को ही स्कूल आने की छूट
- केंद्र की स्वामित्व योजना लागू करने का फैसला
हिमाचल प्रदेश में 21 अप्रैल तक सभी शिक्षण संस्थान विद्यार्थियों, शिक्षकों और गैर शिक्षकों के लिए बंद रहेंगे। यह फैसला शुक्रवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में राज्य सचिवालय में हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया। प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा के बाद यह फैसला लिया गया है। वहीं जिन सरकारी और गैर सरकारी कार्यालयों में 100 से ज्यादा कर्मचारी-अधिकारी होंगे, वहां 45 साल से अधिक उम्र के लोगों के लिए जल्द स्वास्थ्य विभाग टीकाकरण शुरू करेगा।
शिक्षण संस्थान बंद होने के बावजूद प्रस्तावित परीक्षाएं समय पर होंगी और इसके लिए ड्यटी लगने वाले शिक्षकों और गैर शिक्षकों को स्कूल आना होगा। कैबिनेट ने सीधी भर्ती कोटा के माध्यम से अनुबंध के आधार पर वन विभाग में फोरेस्ट गार्ड के 311 पद भरने का भी निर्णय लिया। इनमें इस वर्ष 9 मार्च की कैबिनेट बैठक में गार्ड के पहले से स्वीकृत 113 पद भी शामिल हैं। कैबिनेट ने सीधी भर्ती के आधार पर हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के माध्यम से कृषि विभाग में अनुबंध पर कृषि विकास अधिकारियों के 25 पद भरने का निर्णय लिया।
बैठक में ड्रोन का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पार्सल के सर्वेक्षण के लिए राज्य में केंद्रीय योजना स्वामित्व को लागू करने का निर्णय लिया। इसके लिए पंचायती राज विभाग के सहयोग से योजना के कार्यान्वयन के लिए राजस्व विभाग को नोडल विभाग के रूप में नामित किया है। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राज्य संचालन समिति, राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई और जिला परियोजना निगरानी इकाई का भी गठन किया जाएगा।
4500 स्वास्थ्य कर्मी उतरेंगे फील्ड में
कोरोना पर काबू पाने के लिए सरकार ने स्वास्थ्य विभाग के 4500 कर्मचारियों और अधिकारियों को फील्ड में उतारने का फैसला लिया है। पहले 2500 कर्मचारियों को फील्ड में तैनात किया था। केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को पांच लाख वैक्सीन की डोज दी है।
सभी जिलों में जनमंच 25 अप्रैल को होगा
कैबिनेट ने निर्णय लिया है कि प्रदेश के सभी जिलों में जनमंच 25 अप्रैल को होगा। इसमें लोगों की समस्याएं उनके घर-द्वार पर सुनी जाएंगी। इसके अलावा लोगों को मौके पर ही प्रमाणपत्र जारी करने की सुविधा भी मिलेगी। इससे पहले प्रदेश में 22वां जनमंच गत 14 फरवरी को 10 जिलों में हुआ था।
सूखे की स्थिति पर निगरानी रखने का फैसला
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने प्रदेश में सूखे से उत्पन्न स्थिति पर निगरानी रखने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में गठित कमेटी प्रदेश में सूखे की स्थिति पर नजर रखेगी। मंत्रिमंडल के समक्ष जल शक्ति विभाग ने राज्य में उत्पन्न सूखे की स्थिति पर प्रस्तुति दी। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में सभी हितधारक विभागों की समीक्षा बैठक करने का भी निर्णय लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सूखे के कारण करीब दस फीसदी पेयजल योजनाएं प्रभावित हुई हैं। सरकार का मानना है कि मई और जून में सूखे के कारण अभी और पेयजल योजनाओं पर भी विपरीत असर पड़ सकता है। प्रदेश में करीब साढ़े नौ हजार पेयजल योजनाओं के माध्यम से लोगों को पीने पानी की आपूर्ति की जा रही है। इस साल बारिश और बर्फ कम गिरने से पेयजल स्रोतों पर विपरीत असर मार्च से पड़ने लगा है, जबकि पूर्व में ऐसी स्थिति मई और जून में पैदा होती थी।
प्रदेश में सभी सरकारी भूमि का पूल बनाएगी केंद्र सरकार
केंद्र सरकार अब हिमाचल प्रदेश में सरकारी भूमि का पूल बनाएगी, जिससे राज्य में सरकारी भूमि का पूरा हिसाब रखा जा सके। ड्रोन तकनीक से ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पार्सल का सर्वेक्षण होगा। अभी तक प्रदेश में मौके पर जाकर भूमि का सीमांकन (डीमार्केशन) का कार्य किया जाता है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई मंत्रिमंडल की बैठक में ड्रोन तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण क्षेत्रों में भूमि पार्सल के सर्वेक्षण के लिए राज्य में केंद्रीय योजना स्वामित्व लागू करने का निर्णय लिया गया। पंचायतीराज विभाग के सहयोग से योजना के कार्यान्वयन के लिए राजस्व विभाग को नोडल विभाग के रूप में नामित किया जाएगा।
योजना शुरू करने के लिए भारतीय सर्वेक्षण के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए एक राज्य संचालन समिति, राज्य परियोजना प्रबंधन इकाई और जिला परियोजना निगरानी इकाई का भी गठन किया जाएगा। बताते हैं कि इस सर्वेक्षण से निजी स्वामित्व वाली भूमि की जानकारी भी भू स्वामी के पास उपलब्ध रहेगी। निजी भूमि संबंधित जरूरी जानकारी के कार्ड भी दिए जाने हैं।
कोरोना को लेकर कैबिनेट बैठक में स्वास्थ्य सचिव ने स्पष्ट की स्थिति
हिमाचल प्रदेश में कोरोना विकराल रूप धारण कर रहा है। स्थिति पर नियंत्रण पाने को लेकर स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने शुक्रवार को कैबिनेट की बैठक में दो प्रस्तुतियां दीं। कोरोना की वास्तविक स्थिति के साथ संक्रमण की बढ़ती रफ्तार पर कैसे रोक लगाई जाए, इस पर विचार साझा किए। बैठक में बताया गया कि हिमाचल को कोरोना वैक्सीन की पांच लाख और डोज मिली हैं।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। जनवरी 2021 में एक्टिव मामले घटकर डेढ़ सौ के पासपास रह गए थे, वहीं मार्च-अप्रैल में यह आंकड़ा पांच हजार तक पहुंच गया है। प्रतिदिन 5 से 7 लोगों की इस बीमारी से मौत हो रही है। जनवरी में कोरोना से मौत का ग्राफ .9 फीसदी तक पहुंच गया था। आज यह आंकड़ा बढ़कर 1.8 फीसदी हो गया है। रिकवरी रेट भी गिरकर 92 फीसदी हो गया है। बताया जा रहा है कि बैठक में उन्होंने बंदिशें लगाने की भी सिफारिश की।
रोजाना लिए जा रहे 8 हजार सैंपल और 50 हजार लोगों को लग रही वैक्सीन
शिमला। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बैठक में बताया कि प्रदेश में सैंपल की क्षमता को बढ़ाया गया है। प्रतिदिन 8 हजार से ज्यादा लोगों के सैंपल लिए जा रहे हैं। इसके साथ ही 50 हजार लोगों को वैक्सीन लगाने का टारगेट रखा है।