हिमाचल प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से बढ़ रहे कोविड मरीजों को देखते हुए राज्य के स्कूल और अन्य सभी शैक्षणिक संस्थान 15 अप्रैल तक बंद रहेंगे। यह बात मुख्यमंत्री ने वीरवार को कुल्लू के दौरे के दौरान ढालपुर में कही। उन्होंने कहा कि पहले स्कूलों को चार अप्रैल तक बंद रखा था, लेकिन सरकार ने कोरोना के मामले बढ़ने से अब स्कूल, कॉलेज और अन्य सभी शिक्षण संस्थान बंद करने का निर्णय लिया है। हालांकि अभी विकास कार्यों और प्रदेश में पर्यटकों के आवागमन पर कोई रोक नहीं लगेगी।
सीएम ने कहा कि कोरोना की स्थिति की लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए प्रदेशवासियों से सरकार और प्रशासन के दिशा-निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछला पूरा वर्ष कोरोना संक्रमण के संकट के बीच गुजरा है, जिससे देश भर में आर्थिक गतिविधियों पर विपरीत असर पड़ा। बावजूद प्रदेश सरकार ने इस दौरान तकनीक का भरपूर उपयोग करके वर्चुअल माध्यम से विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में 3500 करोड़ की विकास परियोजनाओं के शिलान्यास और उद्घाटन किए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के चलते पिछले वर्ष विशेषकर पर्यटन क्षेत्र को बड़ा नुकसान पहुंचा। प्रदेश में अभी तक पर्यटकों के आवागमन पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगाई गई है, लेकिन एसओपी में निर्धारित मानदंडों की अनुपालना सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पड़ोसी राज्य पंजाब में कोरोना संक्रमण दूसरी बार तेजी से फैल रहा है, जिसके कारण प्रदेश के सीमांत जिलों विशेषकर सिरमौर, कांगड़ा, ऊना और सोलन में मामलों में वृद्धि हो रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में देश के वैज्ञानिकों ने कोरोना वैक्सीन तैयार की है, जो कारगर साबित हुई है।
अब से यह वैक्सीन 45 वर्ष और उससे ऊपर की आयु के लोगों को भी लगनी शुरू हो गई है। वैक्सीन संक्रमण से बचाव करेगी, लेकिन लोग जब भी घर से बाहर काम के लिए निकलें तो मास्क का उपयोग, सामाजिक दूरी और सैनिटाइजर का इस्तेमाल सुनिश्चित करें। कांगड़ा की फतेहपुर विधानसभा और मंडी लोकसभा सीट के उपचुनाव को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले नगर निगम और नगर पंचायतों के चुनाव करवाने हैं, इसके बाद उपचुनाव के प्रत्याशियों पर चर्चा होगी।