सोरिग बुमझी मेन्रिलिंग, डोलनजी के मेडिकल कॉलेज के सहयोग से योगानंद स्कूल ऑफ स्पिरिचुअलिटी एंड हैप्पीनेस द्वारा आयोजित पारंपरिक उपचार पर दो दिवसीय मुफ्त चिकित्सा शिविर बुधवार को शुरू हुआ।
शिविर का आयोजन 14वें दलाई लामा के जन्मदिन सप्ताह के उपलक्ष्य में किया गया है।
पारंपरिक तिब्बती चिकित्सा के विशेषज्ञ, डोलनजी मठ के डॉ. यंगड्रुंग वोसर गुरुंग ने भारत के प्रति आभार व्यक्त किया और पारंपरिक चिकित्सा को बढ़ावा देने में इसके महत्वपूर्ण योगदान को स्वीकार किया। शिविर में एक्यूपंक्चर, मोक्ष, मालिश और अन्य पारंपरिक उपचारों सहित विभिन्न सेवाएं निःशुल्क प्रदान की गईं। डॉ. यंग ने विश्वविद्यालय के शिक्षकों और प्रबंधन सदस्यों को चिकित्सा सेवाएँ भी प्रदान कीं।
योगानंद स्कूल ऑफ स्पिरिचुअलिटी एंड हैप्पीनेस, शूलिनी यूनिवर्सिटी के निदेशक डॉ. समदु छेत्री ने कहा, हम डॉ. यंगड्रंग वोसर गुरुंग के बहुमूल्य योगदान और हमारे समुदाय को चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए उनके आभारी हैं। पारंपरिक तिब्बती चिकित्सा में उनकी विशेषज्ञता, नेपाल के उच्च ऊंचाई वाले तिब्बती डोलपो क्षेत्र में उनके हालिया अभियान से उजागर हुई, इस आयोजन में एक अनूठा और अमूल्य अनुभव लायी है।