केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कोलकाता रैली में कथित तौर पर लगे ‘गोली मारो…’ के नारे पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि मैं उन लोगों की निंदा करती हूं जिन्होंने कोलकाता की सड़कों पर नारे लगाए। इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
ममता ने गृहमंत्री अमित शाह की रैली पर कहा कि यह दिल्ली नहीं है, कोलकाता में ऐसे नारों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। बता दें कि कोलकाता पुलिस ने इस मामले में भाजपा के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया है।
दिल्ली हिंसा को बताया पूर्व नियोजित नरसंहार
ममता बनर्जी ने दिल्ली में हुई हिंसा पर कहा कि हम दुखी और उदास हैं। हम दिल्ली में हुई घटना की निंदा करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक पूर्व नियोजित नरसंहार था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पश्चिम बंगाल समेत पूरे देश में दंगों का गुजरात मॉडल लागू करने की कोशिश कर रही है।
बता दें कि रविवार को कोलकाता के शहीद मीनार इलाके में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन में आयोजित रैली में हिस्सा लेने के लिए राज्य के विभिन्न हिस्सों से भारी तादाद में भाजपा के कार्यकर्ता और समर्थक जुटे थे। आरोप है कि इस दौरान यहां ‘गोली मारो…’ जैसे नारे लगाए गए।
तृणमूल ने साधा शाह पर निशाना, कहा- पहले दिल्ली संभाल लें
तृणमूल कांग्रेस ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर निशाना साधने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना की और कहा कि उपदेश देने के बजाए उन्हें दिल्ली हिंसा में निर्दोष लोगों की जान नहीं बचा पाने के लिये माफी मांगनी चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि पश्चिम बंगाल कट्टरता और घृणा के बगैर बेहतर है और आरोप लगाया कि भाजपा प्रदेश में यह फैलाने की कोशिश कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस ने नया संपर्क अभियान ‘बांग्लार गोर्बो ममता’ शुरू किया
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री एवं तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने आगामी नगर निकाय चुनाव और 2021 के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर जनसंपर्क अभियान ‘बांग्लार गोर्बो ममता’ (बंगाल की गौरव ममता) की सोमवार को शुरुआत की।
पार्टी के सूत्रों ने बताया कि अभियान के तहत तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के करीब एक लाख कार्यकर्ता शहर के विभिन्न हिस्सों में जाएंगे और लोगों को समझाएंगे कि बनर्जी पश्चिम बंगाल के विकास एवं प्रगति के लिए तथा राज्य के सांप्रदायिक सौहार्द को बनाये रखने के लिए कितनी जरूरी हैं।
कार्यक्रम का पहला चरण 75 दिनों तक चलेगा। बता दें कि ममता बनर्जी ने पिछले साल चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर की सलाह पर अन्य संपर्क कार्यक्रम के तहत एक हेल्पलाइन नंबर और एक वेबसाइट शुरू की थी।
सूत्रों ने बताया कि संपर्क अभियान ‘दीदी के बोलो’ को पहले महीने में जबर्दस्त समर्थन प्राप्त हुआ था जहां 10 लाख से अधिक लोगों ने अपनी शिकायतें दर्ज कराई थी।