प्रदेश के स्कूलों में पहली से सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बुलाने पर विचार दशहरे के बाद होगा। हिमाचल प्रदेश में 11 अक्तूबर से आठवीं से बारहवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए रोजाना खुलने जा रहे स्कूलों में कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए शिक्षा विभाग ने एसओपी जारी कर दी है। स्कूल के कमरे की क्षमता अनुसार पचास फीसदी विद्यार्थियों को ही एक कक्षा में बैठाया जाएगा। शेष विद्यार्थियों की क्लास दूसरे कमरे में लगाई जाएगी। प्रार्थना सभा, खेलकूद सहित एकत्र होने वाली अन्य गतिविधियों पर रोक रहेगी।
लंच ब्रेक और आने-जाने का समय कक्षावार अलग-अलग होगा। कक्षाओं में एक बेंच में एक ही विद्यार्थी को बिठाया जाएगा। हर घर पाठशाला अभियान के तहत विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षण सामग्री पहले की तरह रोजाना ही भेजी जाएगी। प्रदेश में 11 अक्तूबर से आठवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए स्कूलों में रोजाना कक्षाएं लगाई जाएंगी। राज्य आपदा प्रबंधन की ओर से इस बाबत शुक्रवार को आदेश जारी किए गए हैं। बीते दिनों हुए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में नवी से 12वीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को सप्ताह में तीन-तीन दिन बुलाने का फैसला लिया गया था।
अब कोरोना संक्रमण दर में कमी आने से सरकार ने स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए रोजाना खोलने का फैसला ले लिया है। वीरवार शाम को राज्य सचिवालय में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य और शिक्षा सचिव की बैठक में यह फैसला लिया गया। स्कूलों में विद्यार्थियों के आने के लिए एसओपी शुक्रवार को जारी की गई है। उच्च शिक्षा निदेशक ने सभी स्कूल प्रिंसिपलों को विद्यार्थियों की क्षमता और कमरों की संख्या के अनुसार माइक्रो प्लान बनाने को कहा है। शिक्षकों और विद्यार्थियों के लिए फेस मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा। थर्मल स्क्रीनिंग के बाद ही स्कूल परिसरों में प्रवेश दिया जाएगा। हैंड सेेनेटाइजरों और साबुन की भी स्कूलों में पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी।
पहली से सातवीं के विद्यार्थी बुलाने पर दशहरे के बाद विचार
प्रदेश के स्कूलों में पहली से सातवीं कक्षा के विद्यार्थियों को बुलाने पर विचार दशहरे के बाद होगा। 15 अक्तूबर को दशहरा है। संभावित है कि इन सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों को सरकार एक साथ स्कूलों में बुलाने से परहेज करेगी। ऐसे में कुछ कक्षाओं के विद्यार्थियों को स्कूलों में बुलाने का फैसला हो सकता है।