अजय ठाकुर ने बताया कि फेडरेशन की चयन प्रक्रिया नियमों के अनुसार नहीं है। उन्हें हिमाचल टीम का कप्तान बनाया गया है, लेकिन वह आम खिलाड़ियों की आवाज उठा रहे हैं। इसलिए वह कप्तानी छोड़ रहे हैं और कुछ दिनों बाद शुरू होने जा रही नेशनल प्रतियोगिता का हिस्सा भी नहीं बनेंगे। हिमाचल कबड्डी में बवाल मच गया है। राष्ट्रीय प्रतियोगिता के लिए हिमाचल की कबड्डी टीम के चयन को लेकर फेडरेशन से नाराज अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी पद्मश्री अजय ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश की कप्तानी छोड़ दी है। वह नेशनल में भी हिमाचल टीम का हिस्सा नहीं रहेंगे। चयन प्रक्रिया को लेकर फेडरेशन के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले अजय ठाकुर ने दोटूक कह दिया है कि यदि फिर से ट्रायल लिया जाता है तो वह अपना फैसला बदलने पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, कबड्डी फेडरेशन ने पहले ही साफ कर दिया है कि टीम का चयन दोबारा नहीं होगा। इससे साफ है कि इस बार नेशनल में हिमाचल प्रदेश की टीम स्टार खिलाड़ी अजय ठाकुर के बिना ही उतरेगी।
सारा विवाद कुछ दिन पहले शुरू हुआ। जब सोशल मीडिया पर हिमाचल टीम के चयन को लेकर सवाल उठे। इस पर अजय ने भी फेडरेशन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और चयन को लेकर धांधली के आरोप लगाए। उन्होंने सोशल मीडिया पर कहा था कि टीम का चयन नियमों के खिलाफ हुआ है। जो खिलाड़ी चयन के हकदार थे, उन्हें दरकिनार कर फेडरेशन ने अपनी पसंद की टीम का चयन कर लिया। बातचीत में अजय ठाकुर ने बताया कि फेडरेशन की चयन प्रक्रिया नियमों के अनुसार नहीं है। उन्हें हिमाचल टीम का कप्तान बनाया गया है, लेकिन वह आम खिलाड़ियों की आवाज उठा रहे हैं। इसलिए वह कप्तानी छोड़ रहे हैं और कुछ दिनों बाद शुरू होने जा रही नेशनल प्रतियोगिता का हिस्सा भी नहीं बनेंगे।
बवाल पर खेल मंत्री, सरकार की चुप्पी पर सवाल
अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की ओर से फेडरेशन पर धांधली के आरोप लगाए जा रहे हैं। इस सब पर खेल मंत्री और सरकार की चुप्पी कई सवाल खड़े कर रही है। सोशल मीडिया पर अजय ठाकुर और कबड्डी फेडरेशन का विवाद जगजाहिर हो चुका है। अब तक सरकार की ओर से इस मामले पर न तो कोई बयान आया है और न ही दोनों पक्षों के साथ बातचीत की है।
अंतरराष्ट्रीय कबड्डी कोच रत्नलाल के बेटे तक पहुंची जुबानी जंग की आंच
कबड्डी खिलाड़ी अजय ठाकुर और हिमाचल कबड्डी एसोसिएशन की जुबानी जंग की आंच अब पूर्व पदाधिकारी और अंतरराष्ट्रीय कोच रत्न लाल के बेटे तक पहुंच गई है। अजय ठाकुर के आरोपों के बाद अब एसोसिएशन के महासचिव कृष्ण लाल सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि अजय ठाकुर एसोसिएशन पर सवाल खड़े कर रहे हैं, उन्हें कार्यभार संभाले अभी एक ही साल हुआ है। वह अजय ठाकुर से जानना चाहते हैं कि एसोसिएशन में उनसे पहले रहे महासचिव के कार्यकाल में जो धांधलियां हुई हैं, उन्हें उन्होंने क्यों उजागर नहीं किया।
उस समय अजय ठाकुर ही भारतीय टीम के कप्तान थे। महासचिव ने आरोप लगाया कि पूर्व महासचिव के बेटे ने 2018 में किसकी सिफारिश और किन मानकों के आधार पर एक साल के भीतर दो सीनियर नेशनल लगाए। जबकि वह बैडमिंटन का खिलाड़ी था। वर्तमान में अजय ठाकुर की परफारमेंस बिलकुल खराब हो गई है, यही कारण है कि वह बौखला गए हैं। मंडी में अजय ठाकुर को 22 साल के खिलाडि़यों ने धूल चटाई थी।
महासचिव ने स्पष्ट किया कि टीम ऑनलाइन कर दी गई है। हरियाणा के रोहतक में आयोजित होने वाली सीनियर प्रतियोगिता में टीम जाएगी। अजय ठाकुर के विकल्प के तौर पर 13 नंबर वाले खिलाड़ी को स्थान दिया जाएगा। कहा कि अजय ठाकुर अपने रिश्तेदारों के चयन के लिए हमेशा पैरवी करते थे।
अजय ठाकुर बोले, मेरे सवालों का दें जवाब
अजय ठाकुर ने कहा कि महासचिव उनसे लाइव आकर बात करें वह उनके सभी कारनामों को सामने रखेंगे। बताएं कि मंडी प्रतियोगिता के तीन माह तक टीम घोषित क्यों नहीं की। खिलाड़ी इतने कमजोर हैं फिर भी 10 दिन का ही शिविर क्यों रखा। अयोध्या प्रतियोगिता के लिए पैसे देने की बात एसोसिएशन के प्रधान ने की है। फिर खिलाडि़यों का दिया गया पैसा कहां गया? महासचिव को इनके जवाब देने होंगे।
क्या कहना है अंतरराष्ट्रीय कोच रत्न लाल का
कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय कोच रत्न लाल ने कहा कि वर्तमान महासचिव खुद भ्रष्टाचारी हैं और दूसरों पर आरोप लगाते हैं। कहा कि वो अंतरराष्ट्रीय कोच हैं, उनके बेटे ने 2016 से कबड्डी खेलना शुरू की। उसके बाद जूनियर नेशनल और फिर सीनियर खेला। चुनौती दी कि आज भी उनका बेटा कृष्णलाल के टॉप खिलाडि़यों के साथ खेलेगा तो उन्हें धूल चटाएगा।