हिमाचल में पहले उपचुनाव में कांग्रेस ने छह में से चार सीटें जीतीं और भाजपा के खाते में दो ही गईं। अब दूसरी बार हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें झटकी हैं और भाजपा को एक से ही संतोष करना पड़ा। अपनी सरकार को संकट से उबार लाने के इस रणनीतिक कौशल से मुख्यमंत्री सुक्खू का कद प्रदेश की सियासत में और बढ़ गया है। 40 दिन के अंतराल में विधानसभा की तीन और सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजों में भी कांग्रेस ने भाजपा को झटका दिया है। पिछले कुछ महीनों से चली आ रही सियासी उठापटक से कांग्रेस को जो नुकसान हुआ, उसकी भरपाई हो गई है। यानी पहले कांग्रेस के पास 40 सीटें थीं, जो अब दोबारा 40 हो गई हैं।
पहले उपचुनाव में कांग्रेस ने छह में से चार सीटें जीतीं और भाजपा के खाते में दो ही गईं। अब दूसरी बार हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने दो सीटें झटकी हैं और भाजपा को एक से ही संतोष करना पड़ा। अपनी सरकार को संकट से उबार लाने के इस रणनीतिक कौशल से मुख्यमंत्री सुक्खू का कद प्रदेश की सियासत में और बढ़ गया है। कांग्रेस ने भाजपा के सरकार गिराने के इरादे को भी असफल कर दिया है। यानी भाजपा को अपना संख्याबल 25 से 28 बढ़ाकर ही संतोष करना पड़ा है, जो बहुमत से अब काफी दूर है।
छात्र जीवन से ही शिमला को कर्मभूमि बनाने वाले और हमीरपुर के नादौन से विधायक बनते आए सुक्खू ने अब तीसरे जिले कांगड़ा के देहरा में पत्नी कमलेश ठाकुर को अच्छे अंतर से उपचुनाव जिताकर तीनों क्षेत्रों में प्रभाव होने का भी सियासी संदेश दिया है। मुख्यमंत्री सुक्खू के गृह जिले की हमीरपुर विधानसभा सीट पर कांग्रेस जरूर चूकी है, मगर यहां धूमल परिवार और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के प्रभाव से ही भाजपा की जीत मिली मानी जा रही है। मुख्यमंत्री के गृह जिले की एक और सीट की यह हार देहरा व नालागढ़ की जीत को कुछ कसैला भी कर रही है।
देहरा में ढाई दशक से कांग्रेस चुनाव हार रही थी। आलाकमान ने सीएम की पत्नी को यहां से टिकट दिया तो यह उनके लिए बड़ा इम्तिहान था। इसमें वह सफल हुए। तीन निर्दलीय विधायकों ने इस्तीफे देकर भाजपा के टिकट लेकर उपचुनाव लड़े, मगर देहरा से होशियार सिंह और नालागढ़ से केएल ठाकुर का दांव उलटा पड़ गया। इस जीत से कांग्रेस सरकार और मजबूत हो गई है।
उधर, पार्टी प्रदेश नेतृत्व के अति आत्मविश्वास से भाजपा का दांव सही नहीं बैठा। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल केवल इस बात से अपना पल्ला झाड़ सतोष नहीं कर सकते हैं कि मुख्यमंत्री को हमीरपुर सीट पर हरा दिया है।
जनता ने धनबल को हराया, जनबल की हुई जीत : सुक्खू
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि जनता ने धनबल को हराया है और जनबल की जीत हुई है। यह प्रदेश के मतदाताओं के साथ-साथ कांग्रेस के मेहनती कार्यकर्ताओं की जीत है। प्रदेश की जनता ने खरीद-फरोख्त की राजनीति को नकार कर अपना वोट राज्य में राजनीतिक पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि देहरा में 25 वर्षों के बाद कांग्रेस प्रत्याशी की जीत हुई है और नालागढ़ में भी कांग्रेस प्रत्याशी बड़े अंतर से जीते हैं। हिमाचल प्रदेश में अब कोई भी पार्टी आने वाले 50 साल में खरीद-फरोख्त की राजनीति करने की हिम्मत नहीं जुटा पाएगी और प्रदेश से यह संदेश पूरे देश की राजनीति में जाएगा।
शनिवार को अपने सरकारी आवास ओकओवर में मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि 28 फरवरी 2024 को प्रदेश में राजनीतिक अस्थिरता पैदा कर चुनी हुई सरकार को गिराने का षड्यंत्र रचा गया, लेकिन इस ऐतिहासिक जीत के बाद अब विधानसभा में कांग्रेस विधायकों की संख्या एक बार फिर 40 हो गई है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर बार-बार भाजपा की दो सरकारें बनाने की बातें करते थे, लेकिन उनका ऑपरेशन लोटस विफल हो गया है। जनता से सबक मिलने के बावजूद नेता प्रतिपक्ष प्रदेश के लोगों को ठगने और गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन निर्दलीय विधायकों ने यह उपचुनाव प्रदेश की जनता पर थोपे, अगर वह प्रदेश सरकार से नाराज थे तो विधानसभा में भाजपा के साथ बैठकर विपक्ष को अपना समर्थन देते। उन्होंने कहा कि निर्दलीय विधायक सरकार को गिराने के षड्यंत्र के तहत एक माह तक प्रदेश से बाहर रहे और अपना इस्तीफा स्वीकार करवाने के लिए धरने पर बैठे। उनके इसी रवैये के कारण उपचुनाव हुए, लेकिन जनता ने अब उन्हें करारा जवाब दिया है। यह जीत उन सभी के लिए भी एक सबक है, जिन्होंने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने का प्रयास किया।
ओकओवर में आतिशबाजी
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के सरकारी आवास ओकओवर में आतिशबाजी के साथ देहरा और नालागढ़ में मिली जीत की खुशी मनाई गई। शनिवार सुबह 11 बजे से सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ओकओवर पहुंचे। उनके साथ कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष और मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी व विधायक केवल सिंह पठानिया, मलेंद्र राजन भी पहुंचे। कुछ देर बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष प्रतिभा सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, कृषि मंत्री चंद्र कुमार, आयुष मंत्री यादवेंद्र गोमा, विधायक हरीश जनारथा, विनोद सुल्तानपुरी, सुदर्शन बबलू सहित कई पार्टी पदाधिकारी पहुंचे। ढोल की थाप पर शिमला नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान की अगुवाई में सैकड़ों समर्थक झूमते हुए पहुंचे।