देश की गंगा-जमुनी तहजीब में तनाव और धार्मिक सौहार्द बिगड़ने की खबरों के बीच रियासतकालीन नाहन शहर आपसी भाईचारे की मिसाल बना है। नाहन के चौगान मैदान में दशहरा उत्सव में मुस्लिम कारीगर खुशियों के रंग भर रहे हैं। नाहन में सालों से दशहरा पर दहन के लिए बनने वाले रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले मुस्लिम परिवार शिद्दत से बना रहा है।
पुतलों को बनाते समय इस बात का खास ख्याल रखा जाता है कि उन्हें वैसे ही बनाया जाए जैसा उन्होंने सुना और किताबों में पढ़ा है। मुस्लिम परिवार दशहरे से 12-13 दिन पहले नाहन आकर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले बनाने में जुट जाता है। उत्तर प्रदेश के जिला शामली के थाना कस्बा निवासी मोहम्मद सद्दाम और सलीम अहमद का परिवार सालों से नाहन में होने वाले आयोजन में अहम भूमिका निभाता आ रहा है। वे पूरी श्रद्धा के साथ पुतलों को बनाने का काम करते है।
40 फीट ऊंचा बनेगा रावण का पुतला
1621 में बसे नाहन शहर के चौगान मैदान में दशहरे पर 40 फीट ऊंचे रावण के पुतले का दहन होगा। साथ ही 35-35 फीट ऊंचे कुंभकर्ण और मेघनाद के भी पुतले जलाए जाएंगे। आतिशबाजी और सतरंगी रोशनी के साथ यह पर्व शहर में धूमधाम के साथ मनाया जाएगा।
सात दिन से छह लोग कर रहे काम
नाहन में पिछले सात दिन से परिवार के छह लोग पुतले बनाने में जुटे हैं। वे देर रात तक इस काम को कर रहे हैं। पुतलों के निर्माण के साथ-साथ इनमें आतिशबाजी भरने का कार्य भी यही परिवार कर रहा है। इन पुतलों में करीब 750 शक्तिशाली पटाखे लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि यह उनका खानदानी पेशा है।