
बर्खास्त विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। इनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल के कांग्रेस नेता के बजाय बाहर के कांग्रेसी नेता को प्रत्याशी बनाया है हिमाचल प्रदेश में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य घोषित छह कांग्रेस विधायकों का मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है। बर्खास्त विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले को कोर्ट में चुनौती दी है। इनका कहना है कि कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल के कांग्रेस नेता के बजाय बाहर के कांग्रेसी नेता को प्रत्याशी बनाया है। दूसरे उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास कार्यों की अनदेखी का भी आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि विधानसभा सदन में वे आए थे, लेकिन सदन में अध्यक्ष ही मौजूद नहीं थे। रजिस्टर में बाकायदा हस्ताक्षर किए गए हैं।
हाईकोर्ट में दी है फैसले को चुनौती : राणा
बर्खास्त कांग्रेस विधायक राजेंद्र राणा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की ओर से लिए गए बर्खास्तगी के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। डर कर राजनीति नहीं करते हैं। हाईकोर्ट पर विश्वास है कि फैसला हित में आएगा।
विधानसभा में थे, रजिस्टर पर किए हैं हस्ताक्षर : सुधीर
सुधीर शर्मा ने कहा कि सदस्यता रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट के दरवाजे खुले हैं। बीते कल (बुधवार) विधानसभा गए थे, रजिस्टर पर साइन किए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष खुद सदन में डेढ़ घंटे तक नहीं आए। हमें कोई नोटिस नहीं मिला। केवल एक सदस्य को मिला है। सरकार अल्पमत में है।
हाईकोर्ट में देंगे चुनौती, क्षेत्र में अनदेखी के चलते किया वोट : लखनपाल
राज्यसभा में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में क्रॉस वोटिंग करने वाले इंद्रदत्त लखनपाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हिमाचल राज्यसभा चुनाव में बाहर से प्रत्याशी दिया है। अगर हिमाचल से किसी को भी प्रत्याशी बनाया होता तो अच्छा होता। उन्होंने कहा कि नादौन विधानसभा क्षेत्र में विकास को लेकर अनदेखी हुई है। उनके क्षेत्र में विकास कार्य नहीं हुआ है।
हिमाचल के नेताओं को किया दरकिनार, बाहर से प्रत्याशी बनाए
देवेंद्र कुमार भुट्टो ने कहा कि शिमला सीट से राज्यसभा सदस्य के चुनाव में जनता के हितों की पैरवी करते हुए अपना मतदान किया है। विधानसभा अध्यक्ष ने विधायकी की सदस्यता रद्द की है। इप्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को दरकिनार करके शिमला राज्यसभा सीट पर बाहरी राज्य से कांग्रेस प्रत्याशी को प्रत्याशी बनाया गया।
किस दल के पास कितने विधायक
वर्तमान में हिमाचल प्रदेश विधानसभा में 68 में से 62 सदस्य रह गए हैं। इनमें से कांग्रेस के पास 34, भाजपा 25 और तीन निर्दलीय विधायक हैं। निर्दलीय विधायकों ने राज्यसभा सदस्य के चुनाव में भाजपा का साथ दिया है। यदि वे भाजपा के साथ बने रहते हैं तो भी भाजपा के पास 28 सदस्य होंगे। यानी कांग्रेस सरकार के पास वर्तमान में बहुमत है। राज्य सरकार में बने रहने के लिए 32 विधायक चाहिए।