गुरुवार को हिमाचल प्रदेश कैबिनेट की बैठक राज्य सचिवालय में हुई। इस बैठक में सुक्खू सरकार कई अहम फैसले लिए। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में गुरुवार को आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस माह की पहली अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने की घटना में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी गई। शोक संतप्त परिवारों के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए आपदा प्रभावित परिवारों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। जिन लोगों के घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, उन्हें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में क्रमशः 10,000 रुपये और 5,000 रुपये प्रति माह किराये के रूप में प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके अलावा, पहली अगस्त, 2024 से 31 अक्टूबर, 2024 तक तीन महीने की अवधि के लिए मुफ्त राशन, एलपीजी रिफिल, बर्तन और बिस्तर प्रदान करने का निर्णय लिया गया। इसके अतिरिक्त, बादल फटने से प्रभावित परिवारों को 50,000 रुपये की तत्काल वित्तीय राहत वितरित की जाएगी।
मंत्रिमंडल ने डॉ. राजेंद्र प्रसाद राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय, टांडा में विभिन्न श्रेणियों के 462 पदों को सृजित करने और भरने का निर्णय लिया, जिनमें चिकित्सा अधिकारियों के 14 पद और मनोचिकित्सक तथा क्लीनिकल मनोवैज्ञानिक के चार-चार पद, स्टाफ नर्स के 300 पद, रेडियोग्राफर के दो पद, वार्ड ब्वॉय के 47 पद, ऑपरेशन थियेटर सहायक के चार पद, प्रत्यारोपण समन्वयक के दो पद, डाटा एंट्री ऑपरेटर के 10 पद, चतुर्थ श्रेणी के पांच पद, सफाई कर्मचारी के 40 पद और सुरक्षा गार्ड के 30 पद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आईजीएमसी शिमला और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटी चमियाना में विभिन्न श्रेणियों के 489 पदों को सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया गया। इसमें आईजीएमसी शिमला में विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारियों के 21 पद और अटल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल सुपर स्पेशियलिटीज चमियाना में सुपर-स्पेशियलिटी चिकित्सा अधिकारियों के सात पद शामिल हैं। मंत्रिमंडल ने स्टाफ नर्स के 400 पद, ऑपरेशन थियेटर सहायकों के 43 पद, नर्सिंग अर्दली-कम-ड्रेसर के 11 पद, डाइटीशियन के दो पद, फिजियोथेरेपिस्ट का एक पद तथा डाटा एंट्री ऑपरेटर के चार पद भरने को मंजूरी दी।
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लघु खनिज (रियायत) और खनिज (अवैध खनन, परिवहन और भंडारण की रोकथाम) नियम, 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया। नए प्रावधानों के तहत, राज्य में खनन के लिए उपलब्ध उपयुक्त निजी भूमि को भूमि मालिकों की सहमति से खनिजों के निष्कर्षण के लिए नीलामी में रखा जा सकेगा, जिसके लिए वार्षिक बोली राशि का 80 प्रतिशत भूमि मालिकों को दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, व्यवस्थित, वैज्ञानिक, सतत खनन को बढ़ावा देने तथा खनिजों की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए नदी तल में खनिज उत्खनन के लिए मशीनरी के उपयोग की अनुमति दी गई है। नदी तल में खनन की गहराई मौजूदा एक मीटर से बढ़ाकर दो मीटर की गई है। प्रत्येक मानसून मौसम के बाद कृषि क्षेत्र से दो मीटर की गहराई तक रेत और बजरी हटाने की अनुमति देने का प्रावधान किया गया है तथा इसे गैर खनन गतिविधि माना जाएगा। इसके अलावा, नए संशोधनों में इलेक्ट्रिक वाहन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन, ऑनलाइन शुल्क के रूप में पांच रुपये प्रति टन और दूध उपकर के रूप में दो रुपये प्रति टन वसूलने की अनुमति दी गई है। गैर खनन गतिविधियों के कारण उत्पन्न सामग्री के उपयोग के लिए, रॉयल्टी के 75 प्रतिशत (140 रुपये प्रति टन) के बराबर प्रसंस्करण शुल्क सरकार को देय होगा।
राज्य में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए, मंत्रिमंडल ने रसायन मुक्त उत्पादन के उत्पादन और प्रमाणीकरण के लिए क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण का उपयोग करते हुए हिम-उन्नति योजना को लागू करने का निर्णय लिया और लगभग 50,000 किसानों को शामिल करते हुए 2,600 कृषि समूह स्थापित करने का लक्ष्य रखा। यह योजना कृषक समुदाय की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आवश्यक क्षमता निर्माण प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। इसके अतिरिक्त, यह प्राकृतिक खेती गेहूं को 40 रुपये प्रति किलोग्राम और मक्का को 30 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से खरीदने की योजना बना रही है। मंत्रिमंडल ने पशुपालन विभाग में ग्राम पंचायत पशु चिकित्सा सहायकों के मुद्दे को संबोधित करने और अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करने के लिए कृषि मंत्री चंद्र कुमार की अध्यक्षता में एक उप-समिति का गठन किया, जिसमें राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी और उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान सदस्य थे। इसने निर्णय लिया कि सभी पुलिस कर्मियों, जेल अधिकारियों, एच.पी. सचिवालय सुरक्षा सेवा के कर्मचारियों को एचआरटीसी बसों में रियायती यात्रा सुविधा का लाभ उठाने के लिए वास्तविक आधार पर उनकी आधिकारिक यात्रा की प्रतिपूर्ति मिलेगी। इसने राज्य में निजी ऑपरेटरों को 168 मार्गों के पुनः आवंटन के लिए राज्य परिवहन नीति, 2014 के तहत 60:40 की शर्त को शिथिल करने के लिए अपनी सहमति दी।
इसके अतिरिक्त, मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश (वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन रिपोर्ट) नियम, 2024 की अधिसूचना को मंजूरी दी, जिसका उद्देश्य एपीएआर को मापने योग्य कार्य आउटपुट के साथ जोड़ना है। नए नियम अधिकारी मूल्यांकन के लिए संख्यात्मक ग्रेडिंग पेश करते हैं, वर्णनात्मक ग्रेडिंग की जगह लेते हैं और एपीएआर पूरा करने के लिए सख्त समयसीमा लागू करते हैं, प्रत्येक वर्ष 31 दिसंबर की समय सीमा के साथ। मंत्रिमंडल ने राज्य कर और आबकारी विभाग को दो अलग-अलग विंगों में पुनर्गठित करने के लिए व्यापक मार्गदर्शक सिद्धांतों को मंजूरी दी है। इस पहल का उद्देश्य परिचालन को सुव्यवस्थित करना, दक्षता बढ़ाना और राजस्व को बढ़ावा देना है। नए प्रावधानों के तहत, सहायक आबकारी अधिकारियों और आबकारी और कराधान निरीक्षकों को अपने संबंधित विंग में न्यूनतम तीन साल की सेवा करनी आवश्यक है।
मंत्रिमंडल ने पुलिस कांस्टेबल के पद के लिए भर्ती प्रक्रिया को हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के दायरे में लाने की मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने कचरा प्रबंधन गतिविधियों की निगरानी के लिए शहरी विकास निदेशालय में पर्यावरण प्रकोष्ठ बनाने को मंजूरी दी, जिसमें विभिन्न श्रेणियों के पांच पद सृजित किए जाएंगे। मंत्रिमंडल ने अभियोजन विभाग में सहायक जिला न्यायवादी के 12 पद सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने हमीरपुर जिले में नव सृजित जल शक्ति उपमंडल कंजियान, समीरपुर और भरेरी अनुभागों के लिए विभिन्न श्रेणियों के 12 पद सृजित करने और भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने कांगड़ा जिले की नव सृजित भरोली उप तहसील में विभिन्न श्रेणियों के आठ पद सृजित करने और भरने का निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने वन विभाग में सहायक वन संरक्षक के पांच पद भरने का भी निर्णय लिया। मंत्रिमंडल ने हमीरपुर जिले में नव सृजित पुलिस चौकी गैलोर के लिए विभिन्न श्रेणियों के छह पद सृजित करने और भरने को भी मंजूरी दी।