मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक 10 बजे सचिवालय में होगी। उल्लेखनीय है कि शहरी विकास विभाग में 6200 के करीब बेरोजगार युवा पंजीकृत है। इन्हें 120 दिन का रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन सरकार इसे मनरेगा की तर्ज पर कानून बनाना चाहती है। हिमाचल प्रदेश सरकार की सोमवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में शहरी रोजगार गारंटी योजना और स्लम डवेलर्ज विधेयक के ड्राफ्ट को मंजूरी दी जा सकती है। इन दोनों विधेयक ड्राफ्ट को कानून बनाने के लिए सरकार सोमवार को ही विधानसभा के पटल पर मंजूरी के लिए रख सकती है। शहरी रोजगार गारंटी योजना में युवाओं को 120 दिन का रोजगार, जबकि स्लम डवेलर्ज में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों को मालिकाना हक दिया जाना है। शहरी विकास विभाग की ओर से इन दोनों विधेयकों को सरकार के पास भेजा गया है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक 10 बजे सचिवालय में होगी। उल्लेखनीय है कि शहरी विकास विभाग में 6200 के करीब बेरोजगार युवा पंजीकृत है। इन्हें 120 दिन का रोजगार दिया जा रहा है, लेकिन सरकार इसे मनरेगा की तर्ज पर कानून बनाना चाहती है। इसमें अगर युवाओं को रोजगार नहीं मिलता है, तो उन्हें बेरोजगार भत्ता मिलेगा। प्रदेश में अभी 300 रुपये दिहाड़ी दी जा रही है। शहरी क्षेत्रों में रहने वाले इन बेरोजगार युवाओं से साफ-सफाई, डंगों का निर्माण आदि कार्य कराए जाते हैं। वहीं प्रदेश में हजारों की संख्या में लोग झुग्गी-झोपड़ियों में रहते हैं। इनको झुग्गी-झोपड़ियों का मालिकाना हक दिया जाना है। इसके अलावा आबकारी नीति का ड्राफ्ट भी तैयार है। कैबिनेट को फैसला लेना है कि शराब के ठेकों को रिन्यू करना है या फिर नए सिरे से ठेकों की नीलामी की जानी है। इसके अलावा बैठक में कर्मचारियों के रिक्त पद भरे जाने और स्वास्थ्य केंद्रों को अपग्रेड करने का मामला भी कैबिनेट में है।