13 अक्तूबर से शुरू हो रहे देवी-देवताओं के महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा के लिए बाह्य सराज के देवी-देवता 10 अक्तूबर को रवाना होंगे। 150 से 200 किलोमीटर की पैदल दूरी तय करने के बाद देवता कुल्लू दशहरा में भाग लेंगे। इसके लिए देवी-देवताओं के रथ सज कर तैयार कर दिए गए हैं। भगवान रघुनाथ के सम्मान में मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा में बाह्य सराज आनी और निरमंड के 15 देवी-देवता भाग ले रहे हैं।
इसके लिए देवता के कारकूनों, हरियानों और देवलुओं ने तैयारियां पूरी कर दी हैं। देवी देवताओं के रथ भी सजकर तैयार हैं। सफर लंबा होने से देवता दशहरा से करीब चार से पांच दिन पहले देवालय से रवाना होंगे। इस बार बाह्य सराज से देवता शमशरी महादेव और जागेश्वर महादेव करीब दो दशक बाद दशहरा में आ रहे हैं। वहीं देवता खुडीजल के साथ ब्यास ऋषि, देवता कोट पझारी, टकरासी नाग, चोतरू नाग और बिशलू नाग भी पूरे लाव-लश्कर के साथ उत्सव की शोभा बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा कि आनी-निरमंड के देवी देवता 10 अक्तूबर को देवालय से रवाना होंगे। देवता अपने दौरे के दौरान रास्ते में चार से पांच पड़ाव में रुकेंगे। जिला देवी देवता कारदार संघ के अध्यक्ष दोत राम ठाकुर ने कहा कि बाह्य सराज के देवी-देवता चार साल से कुल्लू दशहरा में भाग ले रहे हैं।
देवता खुडीजल सात अक्तूबर से यात्रा पर
देवता खुडीजल सात अक्तूबर को वाया मंडी जिला के खौली और गाडागुशैनी होकर निकल गए हैं। बुधवार को देवता ने बंजार में पड़ाव डाला। इसके अलावा निरमंड क्षेत्र के देवता चंभू उर्टू, देवता चंभू रंदल, सप्तऋषि, देवता शरशाई नाग, देवता चंभू कशोली, कुई कांडा नाग तथा माता भुवनेश्वरी भी पूरे गाजे बाजे के साथ कुल्लू दशहरा में भाग लेने जा रहे हैं। कारदार संघ आनी के अध्यक्ष भागे राम राणा, कारदार शेर सिंह, कारदार इंद्र सिंह, देवलू नरोत्तम सिंह ने कहा कि दशहरा को लेकर देव समाज में भारी उत्साह है।