मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की यह बैठक दो दिन पहले हुई संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की मंत्रणा के बाद हो रही है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर इसमें कर्मचारियों के मुद्दों पर ज्यादा निर्णय हो सकते हैं।
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक आज राज्य सचिवालय में हो रही है। बैठक में 52 एजेंडों पर चर्चा हो रही है। नए वेतनमान पर दिए जाने वाले लाभों के बारे में चर्चा होगी। मंत्रिमंडल इस संबंध में औपचारिक फैसला ले सकता है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कैबिनेट की यह बैठक दो दिन पहले हुई संयुक्त सलाहकार समिति (जेसीसी) की मंत्रणा के बाद होने जा रही है। ऐसे में स्वाभाविक तौर पर इसमें कर्मचारियों के मुद्दों पर ज्यादा निर्णय हो सकते हैं। पुलिस कांस्टेबलों को संशोधित पे बैंड देने का मामला भी राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जा सकता है। कई कर्मचारियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के संशोधन पर भी निर्णय संभावित है। मंडी में राज्य विश्वविद्यालय खोलने समेत कई विषयों पर भी मंत्रिमंडल की बैठक हो सकती है। कोविड-19 वैक्सीनेशन पर भी इस बैठक में प्रस्तुति दी जा सकती है। राज्य सरकार ने पांच दिसंबर तक दूसरी डोज के वैक्सीनेशन का लक्ष्य तय किया है। कोविड की वर्तमान स्थिति और नए वैरिएंट पर भी चर्चा होगी। भाजपा के स्वर्णिम दृष्टिपत्र पर मंथन होगा कि कितने वायदे पूरे किए और कितने नहीं। जुन्गा को सब तहसील का दर्जा देने पर मंथन होगा। प्लानिंग विभाग में उपनिदेशक का पद भरा जाएगा।
बैठक में लगभग चार माह से क्रमिक अनशन पर बैठे करुणामूलक आश्रितों को नौकरी देने का मामला भी एजेंडे में है। कैबिनेट में वन विभाग में जेई की 12 पोस्ट भरने को मंजूरी दी जा रही है। अनुकंपा के आधार पर आयुष विभाग में जेओए के रिक्त पद भरने को मंजूरी दी जा सकती है। आयुर्वेदिक अस्पताल केलांग का नाम बदलकर ताशी चेरिंग करने और गुग्गा माड़ी मेला सुबाथू को जिला स्तरीय घोषित करने पर फैसला होगा। सिविल सेवा नियम बनाने जैसे एजेंडे भी कैबिनेट बैठक में शामिल किए गए हैं।
वहीं, जेबीटी भर्ती को लेकर प्रदेश हाईकोर्ट से आए फैसले को राज्य सरकार चुनौती दे सकती है। मंगलवार को मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में होने वाली राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस मामले को लेकर चर्चा होने के आसार हैं। इसी तरह के एक मामले में राजस्थान हाईकोर्ट की ओर से जेबीटी शिक्षकों को राहत दी गई है। ऐसे में प्रदेश सरकार का विधि विभाग राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले की समीक्षा करने में जुट गया है। विभागीय सूत्रों ने बताया कि शिक्षा विभाग भी वर्तमान भर्ती एवं पदोन्नति नियमों के तहत ही जेबीटी भर्ती करने के पक्ष में है। प्रदेश हाईकोर्ट ने शिक्षा विभाग को भर्ती एवं पदोन्नति नियमों को संशोधित करने के आदेश दिए हैं। ऐसे में विभागीय अधिकारियों का मत है कि भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन भविष्य में होने वाली भर्तियों के लिए किया जा सकता है। पूर्व में जारी भर्ती प्रक्रिया पुराने नियमों के तहत ही होनी चाहिए। इस मामले को लेकर मंगलवार को मंत्रिमंडल से अवगत करवाया जाएगा। मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के चलते वर्ष 2019 से जेबीटी के करीब 2500 पदों पर भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है।
शिक्षकों की मांगों पर दो दिसंबर को होगा मंथन
प्रदेश के विभिन्न शिक्षक संगठनों की मांगों को लेकर दो दिसंबर को मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली हाई पावर कमेटी मंथन करेगी। कुछ माह पूर्व प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की मांगों को हल करने के लिए हाई पावर कमेटी का गठन किया है। अब दो दिसंबर को इस कमेटी की पहली बैठक होने जा रही है।
शिक्षक संगठनों की ओर से शिक्षा निदेशालय शिक्षा सचिव, शिक्षा मंत्री और मुख्यमंत्री कार्यालय को अपनी मांगों के ज्ञापन भेजे जाते हैं। अब सरकार ने इन सभी मांगों को लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बैठक आयोजित करने का फैसला लिया है।